ऑनलाइन पैसा कमाना बहुत ही आसान है। आप जितना समझते हैं उससे भी ज्यादा आसान है। मेरे और आपके जैसे कुछ लोग जो करोड़ों की तादात में पैदा होते हैं, कोरोना से डरते हैं। वह सोचते हैं कि ऑनलाइन पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट या ब्लॉग बनाना पड़ेगा और उसका SEO करना पड़ेगा, फिर पैसे की सुनामी आएगी। लेकिन जीनियस लोग ऑनलाइन पैसा कमाने का शॉर्टकट जानते हैं। वो सीधे SEO सिखाना चालू कर देते हैं खुद सिखने से पहले। SEO सीखाना इमरान हाशमी की मूवी देखने से भी ज्यादा आसान है। उसके लिए कम से कम 18 का होना पड़ता है। यहां 18 से कम वाले भी चल पड़ते है SEO सीखाने।
पैसे छापने की तमाम तरकीब में सबसे पुराना, सबसे ज्यादा टेस्ट किया हुआ और सबसे ज्यादा सक्सेसफुल तरीका है कोर्स बनाकर बेच डालो। पहले पीडीएफ में होता था, ई बुक होती थी और अब वीडियो होते हैं। इन सभी कोर्स और ट्रिक को पहचानने का एक बड़ा आसान तरीका है। एक ही रटी रटाई स्क्रिप्ट है, जो हर जगह चेप दी जाती है। कोर्स के नाम पर लूटना हो तो बोल दो कि दोस्तों मेरे पास ऐसा जबरा कोर्स है जो 10वीं फेल को भी Mercedes दिला सकता है। लेकिन उसके बारे में बड़ी एजेंसी और खुद साक्षात गूगल खबर नहीं फैलने देना चाहते हैं। इसलिए मैं डेढ़ मील के लैंडिंग पेज पर यह कोर्स बेच रहा हूं। जिसकी किमत पहले 1.5 लाख रुपए थी, लेकिन अगले 14 मिनट 52 सेकंड के लिए यह सिर्फ 4999 में मिल जाएगा।
इस लैंडिंग पेज में चार पांच वीडियो टेस्टिमोनियल होंगे, जो पता नहीं कौन-कौन से लोग हैं मम्मी पापा की कसम खाकर बोलते हैं कि इस कोर्स से उन्होंने पिछले महीने में ही 2 लाख छाप लिए हैं। पीछे जो टूटे प्लास्टर की दीवार है, उसका काम इसी कमाई से किया जाएगा। कोई फॉरेक्स ट्रेडिंग या ऑप्शन ट्रेडिंग या कोई रातो रात अमीर बनने का नुस्खा है, तो बोल दो कि साहब ट्रिक एकदम 99.99% रिजल्ट देती है। लेकिन इसके बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता, क्योंकि बैंक खबर लीक नहीं होने देना चाहते हैं। कोई बीमारी ठीक होने वाला scam है तो बोल दो कि दवा तो 99.99% असर करती है लेकिन फार्मा कंपनी खबर लीक नहीं होने देना चाहती हैं।
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कहने का मतलब तो समझ गए ना ! पहले आपके मन में डाउट क्रिएट करना है और फिर अपना उल्लू सीधा करना है। हम कोर्स का नाम नहीं लेंगे और इसका रीजन बहुत सिंपल है। जैसे ही हम एक का नाम लेंगे, आप लोगों के दिमाग में एक बात सेट हो जाएगी। की हां इस फला इंसान का कोर्स ठीक नहीं है और बाकी आप बातें ध्यान से नहीं पढ़ेंगे। हम सिर्फ point to point बात करेंगे ताकि आप फ्यूचर में किसी भी ऐसे कोर्स, वीडियो, मॉड्यूल की लंका खुद लगा सकें।
सब कुछ है इन लोगों के पास, दोस्तों के रिकॉर्ड किए हुए टूटी दीवार के आगे वाले टेस्टिमोनियल है। इंटरव्यू स्पेशलिस्ट अति उत्साही नवयुवक है और वाह-वाह करने वाले अपने जैसे 2 – 4 और बैंड मास्टर है। कायदे से हमें इन पॉइंट पर चुटकुले नहीं बनाने चाहिए। क्योकि इस कोर्स के जो रेट बताए गए हैं अगर उसे 5 – 10 लोगो ने भी ख़रीदा है उसके पैसे दिए हैं तो उनके दुख की सीमा का पता लगाना असंभव है आप नहीं लगा सकते।
कोर्स की तारीफ को मेरे पास शब्द नहीं है। सबसे पहली बात की कोर्स SEO’s के लिए नहीं है, सिर्फ ब्लॉगिंग के लिए है। SEO एक काफी बड़ा फील्ड है और इस कोर्स में उन सारे एलिमेंट के बारे में बात भी नहीं की गई है। जो भी ख़राब किया है वो सिर्फ bloggers का किया है। आखिर कोई कितना नशे में हो सकता है कि पहले ही मास्टर क्लास में SERP का फुल फॉर्म Search Engine Ranking Page बताएं।
Search Engine Ranking Page लेकिन ये इस कोर्स की शायद सबसे मासूम गलती है। यह कोर्स रियली में Beginner के लिए है। एक मॉड्यूल में लाइन है कि गूगल का बाप भी हमारी ट्रिक को नहीं पकड़ सकता है। 1 Trillion डॉलर की कंपनी को वो बंदा चैलेंज कर रहा है जिसको लड़कियों की Extra Small Size T-shirt भी ढीली होती है। टेक्निकल SEO के चैप्टर में पता है क्या है ?
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बैकलिंक की डेफिनेशन बैकलिंक कैसे बनाते हैं ? वही चंदा मामा वाला पैंतरा है, ब्लॉग ढूंढो जहां पर कोई ब्रोकन लिंक हो। फिर उनके लिए कंटेंट लिखो और ईमेल करके बोलो कि भाई अपने ब्रोकन लिंक की जगह हमारे आर्टिकल का लिंक डाल दो। अगर आप पहले से जाने पहचाने प्रसिद्ध सेलिब्रिटी हैं तो फिर ऐसे तरीकों से बैकलिंक मिल जाती है। लेकिन बाकी लोग ईमेल करते रहते हैं। ईमेल स्पैम बॉक्स में जाती रहती है, धूल खाती रहती है, कोई पूछता भी नहीं है। आखिर कितने लोगों को ढूंढ निकालने से आज तक बैकलिंक मिली है।
बातें यही खत्म नहीं होती है, छोटी मोटी भूल चूक हो जाती है लेकिन जैसे जैसे आप कोर्स में आगे बढ़ते हैं, एक के बाद एक कोहिनूर भरे पड़े हैं। कोहिनूर नंबर 1, कंटेंट की फ्रेशनेस कोई भी रैंकिंग फैक्टर नहीं होती है। गूगल ने 2011 में फ्रेशनेस अपडेट की थी, लेकिन हां SERP का फुल फॉर्म नहीं पता है, तो गूगल की अपडेट कहां से बताएंगे। कोहिनूर नंबर 2, canonical tag को इस्तेमाल करके आप अपनी रैंक बचा सकते हैं। फिर चाहे आप का कंटेंट किसी और वेबसाइट से कॉपी ही क्यों न किया गया हो। इस लाइन पर कोई जोक नहीं, मतलब गूगल के सभी अल्गोरिथम को उन्होंने हलके में ले रखा है।
कोहिनूर नंबर 3, LSI कीवर्ड से गूगल को 2 वर्ड का मीनिंग समझ में आता है। कोहिनूर नंबर 4, CTR रैंकिंग फैक्टर है। नहीं है, CTR रैंकिंग फैक्टर नहीं होता है। वो Rand Fishkin का एक्सपेरिमेंट था 7-8 साल पुराना, Rand Fishkin गूगल अल्गोरिथम सेट नहीं करते। बंदा प्रोफाइल से बैकलिंक बनवा रहा है, 10 साल का टाइम बीत गया है गूगल को ऐसी बैकलिंक्स को बैन किए हुए। ऐसा लगता है जैसे कोई 12-13 साल पुरानी PDF कहीं से मिल गई है फ्री में, उसको पढ़-पढ़ कर सुना रहा है। paid links जिसको गूगल ने 10-12 साल पहले बैन करा था। वो सब चीजें अभी भी भर भर के हमें सिखाई जाती है।
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अरे भाई जब आप खुद अपडेट नहीं हो और दूसरों को ज्ञान देने की बात करते हो। ऐसे में बेचारे नए ब्लॉगर फस जाते है। ऐसे में टिकटोकर्स के लिए मेरे मन में इज्जत बढ़ जाती है, वह कम से कम अपना मजाक बना कर पैसा कमाते हैं, किसी को उल्लू नहीं बनाते हैं। बहुत लंबे लंबे वीडियोस हैं जिनको ना मैं जिंदगी में खुद खत्म कर पाऊंगा और ना किसी को देखने की सजा दूंगा। इससे लाख गुना ज्यादा सही और अच्छी इंफॉर्मेशन आपको गूगल की आपने खुद के यूट्यूब चैनल से मिल सकती है। गूगल सर्च कंसोल चैनल पर Basic Technical और Advance SEO पर ढेर सारी विडिओ है। आप वहां से अच्छी knowledge प्राप्त कर सकते है।
इसके अलावा MOZ का अपना खुद का चैनल है, SEMRUSH का अपना चैनल है, AHREFS का खुदका अपना चैनल है। ये ऑफिसियल चैनल है यहाँ से आपको सही जानकारी मिलेगी, कोई 16 का बच्चा आपको SEO पढ़ाए ऐसा यहाँ नहीं होता। प्रोफाइल से बनी हुई बैकलिंक सही होती है या नहीं होती है यह कोई डिस्कशन का पॉइंट नहीं है, गूगल ऐसी साइट को बैन कर देता है।
अगर आप SEO में नए है, तो सबसे पहले जो ऑफिसियल चैनल है उसपे शेयर किये हुए कंटेंट को देखो उसके बाद किसी कोर्स में इन्वेस्ट करना। नहीं तो बादमें जब पता चले कि पैसा भी वेस्ट और टाइम भी। तब पछताने से कुछ नहीं होगा।