एक आदमी बस में सफ़र कर रहा था सरकारी बस में, सरकारी बसों में कोई न कोई अपना कुछ ना कुछ सामान बेचने के लिए आता रहता है। एक आदमी आवाज़ लगता है, करोड़पति बनने के 100 तरीके सीखो करोड़पति बनने के 100 तरीके सीखो।
हमारा मुसाफिर गर्दन घुमाकर देखता है की एक किताब बेचने वाला आवाज़ लगा रहा होता है। करोड़पति बनने के 100 तरीके सीखो सिर्फ 10 रुपए में। मुसाफिर सोचता है चलो ख़रीद ही लेते है 10 रुपए में क्या नुकसान हो जाना है टाइम-पास कर लेंगे।
उस किताब के पहले पन्ने पर लिखा होता है कि हर रोज करोड़पति बनने का सिर्फ एक तरीका पढ़ना है. उस पर अमल करना है और उसके बाद ही दूसरा पन्ना पलटना है। लेकिन हमारा हीरो बैठा हुआ है बस में क्या करेगा! वह एक के बाद एक पन्ना पलट के पढ़ता रहता है 99 पेज खत्म करने के बाद जब 100 वे पेज पर पहुँचता है तो उसमें लिखा होता है कि 99 तरीके काम नहीं करेंगे 100 वा तरीका है इस किताब की 1000 फोटो कॉपी बनवा कर बेच डालो मैं भी यही कर रहा हूं।
दुनिया में पैसे कमाने का सबसे आसान तरीका है दूसरों को पैसे कमाने का नुस्खा सिखाना।
लोग उस बात पर भरोसा करना चाहते हैं, चाहे जितनी गलत बात कही जाए मन कहता है कि एक बार ट्राई करने में क्या जाता है। यही एक रीजन है कि बहुत सारे लोग जिनमें स्टूडेंट है, प्रोफेशनल है, बिज़नेस ओनर है। वो SEO सीखने में अपना टाइम गलत जगह पर बर्बाद कर लेते हैं और सफल नहीं हो पाते हैं। जब SEO सिखाने वाले इंस्टिट्यूट ही अपने स्टूडेंट की नैया डूबा रहे हो तो आखिर यूट्यूब चैनल वालों से आप क्या उम्मीद कर सकते हैं।
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इंडिया की कैपिटल है दिल्ली और दिल्ली के बहुत सारे SEO इंस्टिट्यूट के सिलेबस में वाइट हैट और ब्लैक हैट SEO लिखा हुआ है। आपको डेफिनेशन बताई जाती है कि वाइट हैट SEO वह है जो सर्च इंजन गाइडलाइंस के अंदर रह कर किया जाता है और ब्लैक हैट SEO वह है जो सर्च इंजन की गाइडलाइंस को ना मानकर किया जाता किया है।
कितनी सुविधाजनक परिभाषा है, इस हिसाब से हर गुंडा ब्लैक हैट पुलिस वाला है। गुंडा कानून नहीं मानता लेकिन डंडा लेकर चल रहा है और सारे कसाई ब्लैक हैट सर्जन है, क्योंकि उन्हें मेडिकल जानकारी नहीं है लेकिन चाकू से मीट काटना आता है। इतना ही क्यों दुनिया का हर टेंपो वाला ब्लैक हैट पायलट है, प्लेन उड़ाना नहीं आता है तो क्या हुआ सड़क पर तेज भगा तो सकते हैं ना।
गूगल के पहले 100 एम्प्लोयी में से एक MATTCUTT, जिन्होंने गूगल के वेब स्पैम फंक्शन को बनाया, सेफ सर्च फीचर्स को बनाया। उन्होंने कहा था कि या तो SEO होता है या फिर स्पैम होता है। या तो आप SEO करते हैं या फिर स्पैम करते हैं।
अगर SEO सिखाने वाले ही आपको SEO की डेफिनेशन गलत सीखा रहे हैं तो बाकी क्या कहा जाए। एक अच्छे स्टूडेंट को कम से कम कुछ वर्ड समझ में आने लगते हैं लेकिन जब वह स्टूडेंट YouTube पर हेल्प लेने के लिए आता है तो उसके कैरियर की सारी उम्मीदें खत्म हो जाती हैं।
यहां पर SEO BLOGGING भी है, SEO DIGITAL मार्केटिंग भी है, SEO AFFILIATE मार्केटिंग भी है। 40 रुपए में XYZ डोमेन बेचने वाला आपको SEO सिखाने के लिए छटपटा रहा है। वह मासूम फोकट के Domain को इसलिए अच्छा समझता है क्योंकि विकिपीडिया पर उसे TOP LEVEL DOMAIN कहा गया है।
क्या होता है TOP LEVEL DOMAIN(TLD)?
www.falanadhimaka.com में .com TOP लेवल डोमेन है, falanadhimaka MIDDLE लेवल डोमेन है और www SUB डोमेन है। किसी भी URL के लास्ट डॉट के बाद जो भी आएगा वो टॉप लेवल डोमेन होगा। फिर चाहे वो .com हो, .net हो, .xyz हो या .masum क्यो न हो चाहे जो भी हो वो TLD ही होगा।
लेकिन ये बात इस मासूम को नहीं पता उसे आपको ₹40 में Domain बेचना है तो बेचना है। ब्लॉगिंग बहुत अच्छा मीडियम है घर बैठे इनकम करने का, लेकिन जैसे हर इंसान पायलट नहीं बन सकता है, हर इंसान डॉक्टर नहीं बन सकता है, हर इंसान कुक नहीं बन सकता है।
वैसे ही हर कोई इतना अच्छा नहीं लिख सकता है कि उसको पढ़ने के लिए लोग ब्लॉगर के बोरिंग पेज पर 17 ads देखेंगे और इसके लिए SEO जीनियस बनने की जरूरत नहीं है। आपको सिर्फ H1 H2 बेसिक चीजों का ध्यान रखना है।
SEO जिसे कोई मोटिवेशनल स्पीकर भी सीखा सकता है। बंद कमरे में जुलाई की गर्मी में सूट पहन कर बैठा हुआ बंदा भी सिखा सकता है और सबसे अच्छा जो सिखाता है वह एफिलिएट कुमार। इनका ग़जब है, ये सब कम से कम $15000 हर महीने कमाते हैं। कई सालों से धुंवाधार कमाई कर रहे होते हैं लेकिन देश-दुनिया के किसी भी रईसों के किसी भी लिस्ट में कोई भी एफिलिएट मार्केटर आज तक नहीं मिला।
इनके चार हाथ होते हैं, एक हाथ में होता है ग्रामरिली। दूसरे हाथ में होता है SEMRUSH का ट्रायल वर्ज़न। तीसरे में होता है जेवीजू टाइप का कोई यंत्र और चौथे में होता है प्रोडक्ट key chain। क्या प्रोडक्ट है कोई LOGO बनाने वाली स्क्रिप्ट कोई PDF बनाने वाली स्क्रिप्ट कही कोई आर्टिकल स्पिनर कहीं कुछ कहीं कुछ।
यहाँ लोगो को साबुन बेचने के लिए वरुण धवन या करीना कपूर को दिन में 10 बार टीवी पर आना पड़ता है और यह प्रोडक्ट बेच लेते हैं ईमेल पर।
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वैसे ये झूठ नहीं बोल रहे है इनके प्रोडक्ट बिकते है। जब आप किसी इंटरव्यू में $30000 हर महीने कमाने वाले एफिलिएट कुमार के लिंक पर क्लिक करके उनके कोर्स को खरीदते हैं। तो आपको सबसे पहले उनके 1 – 2 प्रोडक्ट खरीदने पड़ते हैं।
फिर आपको पता लगता है कि आपको खाली हवा बेची गई है। लेकिन आप क्या कर लेंगे! कोई असली प्रोडक्ट तो था नहीं जिसका कोई रजिस्ट्रेशन नंबर हो, कंपनी नाम हो कस्टमर सर्विस नंबर हो। बहती नदी में बना हुआ रेत का पुल था बह गया।
ये स्कैम भी बाकी सभी स्कैम की तरह उसको शिकार नहीं बनाता है जो सबसे बेवकूफ़ है, बल्कि उसको शिकार बनाता है जो सबसे मजबूर है। एफिलिएट स्कैम में वो नहीं फसेगा जो अभी अभी आईआईटी से निकला है। बल्कि वह फसेगा जो अभी ₹40000 जुगाड़ करके किसी तरीके से 3 महीने में SEO कोर्स करके निकला है और उसकी जॉब नहीं लग रही है। क्योंकि इंटरव्यू के सारे सवाल बाउंस कर रहे हैं। 1 दिन की सर्च कंसोल की क्लास में कितना समझ में आएगा। ये स्कैम उस मजबूर को पकड़ता है।
एफिलिएट मार्केटिंग अपने आप में बुरी नहीं है। दुनिया के सारे जाने-माने टेक ब्लॉग, ब्लॉगर अपनी वीडियो में एफिलिएट लिंक को प्रमोट करते हैं और लोग उनको खरीदते भी है। उनके प्रोडक्ट असली है उनके सच में प्रोडक्ट है।
NDTV एफिलिएट मार्केटिंग को ग़जब यूज करता है। वो एक्टर और एक्ट्रेस के ट्वीट पर आर्टिकल बनाते हैं और फिर उनकी ड्रेस से मिलते जुलते ड्रेसेस के पिक्चर उसी पेज पर BUY NOW बटन के साथ देते हैं। यह BUY NOW बटन NDTV के अपने शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर नहीं ले जाता है बल्कि अमेज़न के प्रोडक्ट पेज रीडायरेक्ट करता है।
अभी मैंने कुछ दिन पहले एक जीनियस का आइडिया सुना कि इम्यूनिटी बूस्टर वाले आर्टिकल्स को लेकर कोई भी प्रोडक्ट बिकवा दो। गूगल मनी और हेल्थ रिलेटेड पेज, पोस्ट को स्पेशल अल्गोरिथम के जरिये रैंक करता है। खास कर अभी इस COVID-19 के टाइम में।
ऐसा नहीं है के SEO के बारे में गलत कंटेंट को पहचानना मुश्किल है। बहुत आसान है, जब भी कोई विडिओ, आर्टिकल, लैंडिंग पेज, वीडियो का टाइटल इनकम प्रूफ के साथ शुरू करे। तो समझ जाओ की ये फेक है। अगर वो अपनी किसी भी बात के साथ गूगल या माइक्रोसॉफ्ट की guideline का लिंक नहीं दे सकता है तो समझ जाओ की फेक है।
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अगर आपको SEO सीखना है, अगर सच में आपको ब्लॉग्गिंग में करियर बनाना है। तो सबसे पहले गूगल और बिंग की वेबमास्टर Guidelines को पढ़िए। जितने भी गूगल के टूल है उनकी पॉलिसीस को पढ़िए। एक ट्विटर अकाउंट बनाइये और इन सभी को फॉलो करिये।
SEO क्या होता है?
एक अच्छी यूज़फुल वेबसाइट, इंटरेस्टिंग कंटेंट ट्रैफिक का सही एनालिसिस। SEO का काम वेबसाइट को रैंक कराना नहीं होता है। जो भी यह कहते हैं वह अभी तक SEO का S भी नहीं जानते हैं। SEO का काम वेबसाइट और सर्च इंजन के बीच की दूरी कम करना होता है।
इसके तीन पार्ट होते हैं, नंबर 1 वेबसाइट को सर्च इंजन के लिए आसान बनाना। नंबर दो, वेबसाइट के कंटेंट को सर्च इंजन के लिए आसान बनाना। नंबर 3, सर्च इंजन वेबसाइट से क्या चाहते हैं यह पता करना। ये फ़ील्ड उनके लिए नहीं है जो लास्ट ऑप्शन के लिए इसमें आना चाहते है।
अगर आपकी एनालिटिकल कैपेसिटी अच्छी है। अगर आपको मार्केटिंग अच्छी लगती है। अगर आपको कोडिंग और डेवलपमेंट में इंटरेस्ट है। अगर आपको यूज़र इंटरफेस या फिर यूज़र एक्सपीरियंस में इंटरेस्ट है। तो बेशक आइये, ये बहुत अच्छी फ़ील्ड है। यह सेफ है, साउंड है, क्लाइंट की कमी नहीं है, एक्साइटिंग है, पैसे भी हैं। लेकिन हर किसी के बस का नहीं है बाकी किसी भी और फ़ील्ड की तरह।
अगर आप सही तरीके से सही जानकारी के साथ शुरू करते है तो आप बहुत आगे जाओगे। लेकिन अगर आप शुरू हि ग़लत तरीके से कर रहे हो तो आप शॉर्ट टाइम तक चल सकते हो लॉन्ग टाइम तक नहीं।
हमारा मकसद किसी को डिमोटिवेट करना नहीं था। हम आपको फैक्ट बता सकते है उस पर अमल करना है या नहीं ये आपके ऊपर है।