SSL क्या है? काम कैसे करता है और कहा से ख़रीदे?

दोस्तों आपने देखा होगा की कुछ वेबसाइट अभी भी HTTP को इस्तेमाल करती है। वही देखा जाए तो लगभग 95% से भी ज्यादा वेबसाइट HTTPS का इस्तेमाल कर रही है। इस extra S का मतलब Secure Encryption होता है, जो यह दर्शाता है की आप जिस भी service या वेबसाइट को इस्तेमाल कर रहे है वो secure है। 

Users की sensitive information को secure रखना काफी ज्यादा जरुरी होता है। जैसे की bank details, credit card details, address, और financial details. 

हम आज कल काफी सुनते है की किसी के साथ online fraud हो गया है, इंटरनेट की अच्छी जानकारी न होने की वजह से लोगो के साथ ये सब होता है। तो ऐसे में सबसे पहले हम जिस भी service को इस्तेमाल कर रहे है वो secure तो हो न यह देखना काफी जरुरी होता है। 

हर वेबसाइट ओनर अपनी वेबसाइट की security के बारे में तो सोचता ही है, वही अगर किसी वेबसाइट पर SSL install नहीं है तो काफी ज्यादा chances होते है की वो वेबसाइट या उसका डाटा चोरी होने के। 

SSL आपकी वेबसाइट को hack होने से बचाता है, साथ ही phishing, scam, data branches से भी आपकी साइट को secure करता है। SSL वेबसाइट ओनर और साथ ही उस वेबसाइट के users के लिए एक secure environment create करता है। 

कुछ वेबसाइट ऐसी भी होती है जो users की personal details के लिए डिमांड करती है और ऐसे में यूजर को अगर इंटरनेट की अच्छी जानकारी न हो तो वो सभी को allow कर देता है।

ऐसे में SSL उस unsecure वेबसाइट को secure बना देता है और जो भी डाटा उसने collect किया है उसे protect करने में मदद करता है। देखा जाए तो गूगल भी ऐसी वेबसाइट को अलग से ट्रीट करता है जो secure connection provide नहीं करती है।

SSL क्या होता है यह देखने से पहले हम देखेंगे की HTTP और HTTPS में क्या अंतर होता है

HTTP और HTTPS में क्या अंतर होता है?

HTTP

HTTP में होता यह है की जब भी कोई डाटा एक जगह से दूसरी जगह transfer होता है तो वह plane text में होता है। जैसे एक messaging वेबसाइट है जो की http को इस्तेमाल करती है। उस वेबसाइट से हमने हमारे किसी दोस्त को message किया है जैसे “are you enjoying post?”

तो यह message ऐसा ही server पर जाएगा और server से हमारे उस दोस्त को जाएगा जिसे हमने सेंड किया था। अब ऐसे में बिच में कोई h@cker उस message को access कर देख भी सकता है और उसमे hanges भी कर सकता है। 

HTTPS 

वही अगर हम उस service को इस्तेमाल करते है जो HTTPS को यूज़ करती है तो ऐसे में हमारा डाटा secure रहेगा। कैसे? पहले ही example को लेते है, HTTPS इस्तेमाल करने वाली साइट से जब हम कोई information किसी को सेंड करते है तो वो information पहले SSL के जरिए encrypt हो जाती है मतलब ऐसे format में convert हो जाती है जिसे पढ़ा नहीं जा सकता।

ऐसे में उसे बिच में कोई access भी करता है और अगर उसे देखता भी है तो उसे कुछ समझ नहीं आएगा। वह जानकारी उसके किसी काम की नहीं होगी क्योकि वो उसे पढ़ ही नहीं पाएगा। 

SSL क्या होता है?

Secure your website with SSL certificate, convert http to https with SSL.

SSL एक cryptographic protocol होता है। SSL को computer network में होने वाले communication को secure बनाने के लिए design किया गया है। SSL का फुल फॉर्म “Secure Socket Layer” होता है जो की TLS “Transport Security Layer” का successor होता है। यह protocol इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे users को भरोसा दिलाता है की वह एक secure network को यूज़ कर रहे है। हाल ही में Google ने भी SSL को must कर दिया है। 

वेबसाइट के लिए SSL जरूरी होता है क्योंकि काफी ऐसे यूजर होते है इंटरनेट की या टेक्निकल नॉलेज नही होती। वेबसाइट owners जो भी permission की डिमांड करते है वो उन्हें बिना सोचे allow कर देते है। ऐसे में वेबसाइट owners की जिम्मेदारी होती है की वह उनके users के डाटा की secure रखे।

SSL certificate वेबसाइट की ownership को verify करता है इसलिए भी SSL जरूरी होता है।

Internet पर मेहनत करने वाले कम लोग है, है ऐसा नहीं के रहे है कि कोई भी मेहनत नही करता। मेहनत करने वाले काफी कम है और उनकी मेहनत चुराने वाले काफी ज्यादा है। ऐसे में कोई हमारी वेबसाइट की कॉपी नहीं बनाए इसलिए भी SSL जरूरी होता है।

Users को ये भरोसा दिलाना की वो जो भी service या साइट का इस्तेमाल कर रहे है वो पूरी तरह से secure है। वो जी भी details हमारी वेबसाइट पर भर रहे है वो पूरी तरह से private रहेगी। एक प्रकार से यूजर को secure feel कराना जरूरी होता है जब भी वो हमारी साइट को visit करता है।

जब भी यूजर अपनी personal information को हमारे साथ शेयर करता है, साइन इन करता है। अगर आपकी शॉपिंग साइट है तो वो जब अपनी फाइनेंशियल detail submit करता है, तो साइट ओनर को उसकी उस details को secure रखना जरूरी होता है।

SSL certificates के Types कितने है?

SSL certificates के अलग अलग टाइप होते है और इनकी अलग अलग validation levels होती है। हम कुछ main types के बारे में देखेंगे

  1. Extended Validation certificates (EV SSL)
  2. Organization Validated certificates (OV SSL)
  3. Domain Validated certificates (DV SSL)
  4. Wildcard SSL certificates
  5. Multi-Domain SSL certificates (MDC)
  6. Unified Communications Certificates (UCC)

Domain Validated certificate (DV SSL)

इस certificate को लेना और verify करना काफी आसान होता है। इसके लिए आपको सिर्फ अपना domain name submit करना होता है और कुछ घंटों के अंदर यह certificate issue भी हो जाता है। 

Small business, bloggers जैसे यूजर इसका इस्तेमाल करते है। जो वेबसाइट यूजर का confidential data collect नही करती है या ऑनलाइन पेमेंट accept नही करती है, ऐसे यूजर या ऐसी साइट इस certificate का इस्तेमाल करती है। DV SSL सस्ता होता है और काफी कम समय में साइट पर active भी हो जाता है।

Verification के लिए domain owner को वो अपनी ownership verify करनी होती है। जिसके लिए उन्हें email या phone call के जरिए अपनी ownership verify करनी होती है। इस certificate को install करने के बाद आपको browser में सिर्फ padlock दिखाई देगा, इससे अधिक कोई भी details आपको दिखाई नही देगी।

Organization Validated certificate (OV SSL)

इस certificate को देने के लिए issuing authority आपसे कुछ और भी details की डिमांड करती है certificate को issue करने के लिए। जैसे Name address contact details identity आपकी organization होनी चाहिए उसका भी verification आपको करना होता है। 

Amazon, eCommerce जैसी वेबसाइट इस certificate को इस्तेमाल करती है। OV SSL की cost भी थोड़ी ज्यादा होती है और इसे issue होने में लगने वाला टाइम भी थोड़ा ज्यादा होता है। इस SSL का main purpose यह होता है की यूजर ने जो भी details को fill किया है उसे transaction करते समय encrypt करना, ताकि कोई उसे चेंज न कर सके। 

Extended Validation certificates (EV SSL)

Extended Validation certificates (EV SSL) highest ranking और high profile के लिए होते है। यह certificate काफी ज्यादा strict process में आता है और इसकी cost भी काफी high होती है। यह certificate लेने के लिए आपका कोई बिज़नेस तो होना ही चाहिए साथ ही में उस बिज़नेस की legal identity भी होनी चाहिए। 

EV SSL certificate में पेपर वर्क भी होता है और इसे issue होने में जो समय लगता है वो भी काफी ज्यादा होता है। Bank, Financial organization, credit card business जैसी वेबसाइट के लिए ये certificate इस्तेमाल में आता है। यह certificate install करने पर आपको browser address में padlock तो दिखेगा ही साथ ही में उस बिज़नेस का नाम और country भी दिखेगी। 

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