Bitcoin क्या है और यह कैसे काम करता है?

हर साल गूगल की टॉप सर्च में रहने वाला word Bitcoin और ऐसा क्या रीज़न है के ये word इतना ज्यादा सर्च हो रहा है? असल में बिटकॉइन है क्या? आपको कोई पैसा तभी देगा जब आप उसके बदले में कोई value add कर दे या कोई काम कर दे।

Office में भी आपको salary तभी मिलती है जब आप उस कंपनी के लिए काम करते है, या कोई value add करते है। एक दुकानदार को भी पैसा तभी मिलता है जब वो कोई सामान देता है। अगर देखा जाये तो पूरी दुनिया में आपको कोई पैसा तभी देगा जब आपक उनके लिए कोई काम करे या कोई Value add करे। 

इसको mathematically देखे तो Money = Value.

Time To Time पैसों को अलग-अलग चीजों से represent किया गया है। जैसे पहले अनाज देकर काम कराते थे या कोई चीज खरीदते थे। फिर लोगो ने धीरे-धीरे ऐसी चीजों को रखना सही समझा जो लंबे समय तक टिके और उनकी value ज्यादा हो।

जैसे की Gold, लेकिन gold को भी अपने साथ लेकर घूमना इतना आसान नहीं था। फिर गवर्नमेंट ने एक काम किया जिससे आपको gold गवर्नमेंट के पास रखना होता है और गवर्नमेंट आपको एक receipt देगा। उस receipt के बेसिस पर आप ट्रांजैक्शन कर सकते है। 

वही receipt आगे चलकर paper money में convert हो गई. फिर लोगो ने पैसों को represent करने के लिए किसी सामान की जगह government के प्रॉमिस पे trust किया जो की आज के समय हर नोट पर लिखा होता है।

इस प्रॉमिस से government ने बताया की आप इस नोट को कही भी लेकर जाओगे तो आपको value मिलेगी। लेकिन अगर ऐसा है तो government ज्यादा नोट प्रिंट कर सबकी problem क्यों solve नहीं कर देती।

सरकार ज्यादा नोट प्रिंट क्यों नहीं करता?

मान लीजिये पूरे बाज़ार में सिर्फ एक किलो आलू ही बचे है और उसको लेने के लिए जितने भी लोग है उन सब के पास एक-एक लाख रुपये है। अब ये आलू उसी को मिलेंगे जिसके पास एक लाख से ज्यादा रुपये हो। तो पैसा problem नहीं है problem है resources यानि सामान। अगर government नोट छाप के दे भी दे लेकिन उससे सिर्फ प्राइस बढ़ेंगे। So problem solve तभी होगी जब resources पुरे होंगे। 

धीरे-धीरे paper money – digital money में convert होने लगे. Digital money में भी एक problem थी के digital money का ट्रैक रखना मुश्किल था. अगर आपके अकाउंट से पैसे कटते है तो दूसरे के अकाउंट में पोहच जाने चाहिए। वही ऐसा ना हो के दूसरे के अकाउंट में पैसे पोहच जाए और आपके अकाउंट से कटे ही ना।

इन सब चीजों का ट्रैक रखने के लिए एक centralized bank system बना, लेकिन इस सिस्टम में भी challenges है। जो पैसा आप बैंक में save करते है उस पैसे को बैंक कहीं ना कहीं इन्वेस्ट करता है।

उस इन्वेस्टमेंट में कोई loss हो जाये तो आपका पैसा रिस्क पे आ जाता है, जैसे की PMC बैंक के केस में हुवा। लोग अपना ही पैसा बैंक से नहीं निकाल पा रहे थे। अगर आज की date में सब लोग एक साथ बैंक से अपना पैसा मांगने लगे तो बैंक दे ही नहीं सकता। आपके अकाउंट में जो बैलेंस दिखता है वो असल में एक नंबर होता है। कुछ चुनिंदा इंस्टिट्यूट इस पूरे पैसे को कंट्रोल कर रहे होते है तो इसमें corruption भी involved होता है। 

government अगर चाहे तो आपके पैसे के legal status को भी हटा सकती है. Like की हमने demonetisation में देखा। 2008 में एक डॉक्यूमेंट publish किया गया और जिसने publish किया उसने अपना नाम Satoshi Nakamoto बताया था। अब ये है कौन ये आज तक नहीं पता चल पाया।

इस डॉक्यूमेंट में बताया गया है के हमारी जो banking सिस्टम है उसको कैसे replace किया जा सकता है bitcoin के साथ। कई सारी currency मार्किट में आ गई है लेकिन हम बात कर रहे है bitcoin के बारे में।

जब आप paytm से कोई प्रोडक्ट खरीदते है या कोई transaction करते है तो आपको कुछ Reward point यानि cashback मिलता है जो सिर्फ paytm में ही इस्तेमाल होता है। अगर वो बाहर भी इस्तेमाल होने लगे और हर कोई उसको except करने लगे तो उसकी value बढ़ जाएगी।

बिलकुल ऐसा ही होता है bitcoin के साथ, bitcoin एक cryptocurrency  है। आगे चल के उसकी existence कीस level पर होगी ये depend करता है के उसकी acceptance कितनी है। लोग उसको किस तरीके से except कर रहे है और कहा-कहा कर रहे है।

क्या Bitcoin physically मौजूद है?

Bitcoin एक Digital crypto currency है जो physically available नहीं है. आप जब bitcoin खरीदते है इसका मतलब आप specific bitcoin address खरीदते है। जिसके जरिएआप transaction करते है एक दूसरे specific bitcoin address पर।

क्योंकि bitcoin एक ऑटोमेटेड structure है इसके लिए आपको बैठ कर coding नहीं करनी। इसके algorithm भी auto-run पे चलते है, लेकिन algorithm run कराने के लिए भी कंप्यूटर और सिस्टम की जरुरत पड़ती है।

जिसके लिए बड़े लेवल पर हजारों कंप्यूटर की जरुरत पड़ेगी और इस हजारों कंप्यूटर को maintain करने के लिए एक थर्ड पार्टी की जरुरत पड़ेगी। लेकिन अगर थर्ड पार्टी involve होगी तो बात वही घूम-फिर के बैंक वाले structure पर आ जाएगी।

इस चीज को avoid करने के लिए bitcoin mining का कॉसेप्ट आया, इसमें लोग अपने कंप्यूटर लगाकर algorithm run कराते है और जब transaction successful होता है, तो as a Reward उन्हें bitcoin मिलते है। ये सारा सिस्टम distributed और Blockchain की फॉर्म में है तो hack होना पॉसिबल नहीं है। 

अगर bitcoin mining ऐसे ही bitcoin generate करते रहेंगे तो बात वही आ जाएगी जो हमने आलू वाले example में समझी थी। इस चीज को avoid करने के लिए ये पहले से ही confirm है के 21 million से ज्यादा bitcoin generate नहीं होंगे। 

Bitcoin के Disadvantages क्या-क्या है?

  • – पहली बात ये हर जगह except नहीं होता। 
  • – दूसरी चीज इसमें government का involvement नहीं है तो इसमें illegal activities बोहोत ज्यादा होती है। 
  • – तीसरी चीज ये बोहोत ही ज्यादा volatile है, हर 1 सेकंड में इसकी value चेंज होती है। 
  • – Bitcoin इंडिया में legal तो है लेकिन इससे आप जो भी खरीदोगे तो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी आपकी ही होगी। 

Bitcoin को आप दो तरह से इस्तेमाल कर सकते है:

  • – पहला है transaction कर के, लेकिन इसमें आपकी dependency दूसरे पर होगी, उसने इसे except भी करना चाइये। 
  • – दूसरा है investment कर के,
  • आप bitcoin से रातों-रात आमिर होने के सपने देख रहे है तो आपका नुकसान होना तय है। लेकिन आप स्मार्ट तरीके से इसमें इन्वेस्ट करते है तो आप अच्छा कमा भी सकते है। 

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