International SEO क्या है और इंटरनेशनल SEO कैसे करे?

International SEO एक process होती है जिसकी मदद से आप अपनी वेबसाइट को किसी दूसरी कंट्री के लिए optimize करते है। जो Search Engine को बताती है की आप कौनसे country को टार्गेट करना चाहते है। आपने कौनसे country के लिए अपनी वेबसाइट को optimize किया है और आपके साइट की language कौनसी है? इन सभी को combine कर International SEO कहा जाता है।

Short में कहे तो अगर आप फॉरेन कंट्री के लिए अपनी वेबसाइट को टार्गेट करना चाहते है तो आपको International SEO की मदद ले लेनी होगी।

अगर आपकी वेबसाइट सिर्फ एक country के यूजर के लिए है, एक ही language में है तो चाहे कोई भी platform आप इस्तेमाल कर रहे हो आपके code में उस country और language की इनफार्मेशन होती है। इससे Search Engines आसानी से समझ सकते है की आपकी वेबसाइट किस country के लिए है और कौनसी language में है। 

अगर एक वेबसाइट सिर्फ एक ही country में सिमट कर रह जाती है तो कोई बात नहीं। लेकिन अगर आप एक ही वेबसाइट के जरिए अलग-अलग countries और languages को टारगेट करना चाहते है तो सिचुएशन थोड़ी अलग हो जाती है। International SEO के जरिए आप Search Engine को बताते है की आपके वेबसाइट का कौनसा पार्ट किस country के लिए और किस language के लिए सही है। Read also: Top 15 YouTube Shorts Videos Ideas For 2021 in Hindi

International SEO के कितने Parts होते है?

International SEO को हम तीन parts में डिवाइड कर सकते है। 

  • Country Target Select और Setup करना
  • Language Target Setup करना 
  • Checkup और Verify 

International SEO एक काफी बड़ा टॉपिक है, सभी को हम एक एक कर समझते है। 

Country Target Selection 

किसी Specific Country को Target करने के लिए हम अपनी वेबसाइट में URL Structure को सेटअप करते है। इसके तीन तरीके हो सकते है 

Country-Specific TLD 

जैसे इंडिया के लिए .in, फ्रांस के लिए .fr, अमेरिका के लिए .us कुछ इस तरह TLD’s होते है। अगर आपकी वेबसाइट है example.com, तो इंडिया specific वेबसाइट होगी example.in, फ्रांस के लिए example.fr और USA के लिए example.us. 

Country Specific TLD सबसे बेहतर चॉइस है अगर आप same language वाली country को चुनना चाहते है तो। यह .in/.fr या .us domains सबसे strong signals देते है और search engine को साफ़ बताते है की कौनसी country को आप टारगेट कर रहे है।

लेकिन यह काफी costly भी हो सकते है, क्योंकि आपको आपके कंपनी के लिए अलग-अलग डोमेन लेने होते है, उसी country में host करने होते है। सिर्फ इतना ही नहीं आपको इन सभी domains पर अलग से वेबसाइट को सेटअप करना होगा, उन्हें मैनेज करना होगा, उनका SEO करना होगा। यह एक अच्छी चॉइस हो सकती है लेकिन थोड़ी costly भी हो सकती है। 

SUB-Domain 

जैसे इंडिया के लिए in.example.com, फ्रांस के लिए fr.example.com और USA के लिए us.example.com. यह सभी SUB-Domains main डोमेन पर ही depend करते है। लेकिन फिर भी सभी sub-domains को search engine अलग domain की तरह ट्रीट करते है। 

SUB-Domain को सेटअप करना आसान होता है, मैनेज करना आसान होता है, अलग-अलग domains नहीं खरीदने होते है। लेकिन इसके भी नुकसान है, 

SUB-Domain के नुकसान क्या है?

1. यह याद रखने में मुश्किल होते है

2. इसमें आपके main domain की जो authority होती है, rank signa होता है वह आपके subdomain को नहीं मिलता। subdomain को search engine अलग-अलग domain की तरह ट्रीट करते है। 

3. Subdomaina को आपको main domain की तरह अलग से मैनेज करना पड़ता है, अलग से SEO करना पड़ता है, अलग से वेबसाइट को सेटअप करना पड़ता है। इसमें आपको जो नया domain खरीदना होता है वो नही करना होता, अलग से Hosting नहीं खरीदनी होती।

SUB-Directories 

इसमें सभी languages के लिए एक ही डोमेन को इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अलग-अलग folders होते है। जैसे इंडिया के लिए example.com/IN, फ्रांस के लिए example.com/FR, और USA के लिए example.com/US

SUB-Directories के फायदे

यह सबसे आसान चॉइस है अपने वेबसाइट को किसी specific country के लिए optimize करने के लिए। एक ही वेबसाइट में सभी काम हो जाता है, अलग-अलग सेटअप नहीं करना होता है, अलग से मैनेज नहीं करना होता है। सिर्फ इतना ही नहीं आपके main domain की जो authority है, जो page rank है उन सभी का बेनिफिट आपके SUB-Directories को मिलता है। आसान भाषा में कहे तो इसमें आपको सिर्फ एक ही वेबसाइट को मैनेज करना होता है, एक ही वेबसाइट का SEO करना होता है।

International SEO के कितने Parts होते है?

Language Target Selection 

Language Target domain की तरह एक important पार्ट है। कहा जाता है की country और language एक साथ change होती है। लेकिन इसके कुछ ऐसे केसेस भी होते है जैसे इंडिया, country एक है और languages बोहोत सारी है। इसी तरह का एक केस है मैक्सिको और स्पेन का जहा country दो है लेकिन language एक ही है स्पेनिश। 

Language Targeting के लिए हम hreflang tag को इस्तेमाल करते है। इन tags को आप निचे दिखाए एक इमेज में देख सकते है।  

hreflang tag को head के अंदर इस्तेमाल किया जाता है, इसमें सभी pages के लिए अलग URL होते है और खुद उस पेज का URL भी देना पड़ता है जिस पर यह tag लगाया जा रहा है। 

मान लेते है हमारे वेबसाइट example.com के तीन country pages है 

  • example.com/IN/PAGE 
  • example.com/US/PAGE 
  • example.com/FR/PAGE 

इन तीनो के लिए hreflang tag कुछ इस तरह होंगे, 

hreflang tag क्या है और यह कैसे होते है

अगर आप चाहते है की कोई पेज english में है और उसे आप US में रैंक कराना चाहते है तो tag “en-us” कुछ ऐसा होगा। 

वही अगर आपका पेज फ्रेंच में है और आप चाहते है की आपका पेज US में रैंक करे तो tag “fr-fr” कुछ ऐसा होगा। 

Checkup and Verify 

Checkup और Verification इसलिए जरुरी है क्योंकि आप जो भी चेंज कर रहे है वह search engine समझ रहे है या नहीं यह देखना जरुरी है। आपकी वेबसाइट सही language या country को target कर रही है यह चेक करना बोहोत जरुरी है। इसके लिए गूगल आपको टूल भी प्रोवाइड करता है जिसका नाम International Targeting है।

इस टूल पर जाने के बाद एक बार चेक करे की क्या आप सही गूगल अकाउंट के साथ ही लॉगिन है या नहीं। इसके बाद drop down में से आपको आपके साइट को select करना है जिसे आप चेक करना चाहते है। यहाँ गूगल आपको दो tab दिखाएगा language और country, अगर आपकी वेबसाइट पर कोई language tag है तो उनकी लिस्ट आपको दिखाई देगी। अगर नहीं है तो आपको एक नोटिस दिखाई देगी। 

यह तीन पॉइंट्स आपके international के basic को कवर कर लेते है। लेकिन इसके साथ ही काफी ऐसी छोटी-छोटी चीजे है जिनका ध्यान आपको रखना चाहिए। 

1. Google Translate या किसी भी Automated Machine Translator का इस्तेमाल ना करे। Machine Translation गलत भी होता है और वह उसके मतलब को, उसके फीलिंग को चेंज कर देता है। 

2. Country या Language के लिए कंटेंट को modify करे, पेज के कंटेंट को टारगेट country, language और culture के हिसाब से modify करना जरुरी है। 

3. खुद से वेबसाइट visitor को किसी खास language या country पेज पर redirect मत करिए। गूगल आपके पेज को और उसके कंटेंट को इसलिए समझना चाहता है ताकि वह सही यूजर को उसे दिखा सके। लेकिन जब आप खुद से इसे करने की कोशिश करते है तो आप असाल में इस पूरी प्रोसेस को डिस्टर्ब कर देते है, जो की गलत भी है। 

4. Local Directories / Local Websites / Local Government Website से बैकलिंक लेने की कोशिश करे। जिससे आपके पेज को उस language और country से ज्यादा से ज्यादा रिलेशन मिले।

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This Post Has 3 Comments

  1. adi

    sir main aap ke is post ka kal wait karunga par aap please yeh pos kal jarur publish kijiyega kyoki meri tarah kafi naye bloggers permalink se date aur .html kaise hataye ye chiz search karte hai | sir meri aap se fir ek bar yeh hi request hai ki please aap kal is bare me post jarur publish kijiye main aap ka aabhari rahunga |

  2. adi

    sir main aap ki website ka ek purana visitor hu main aap se yeh janna chahta ki ham apni post ke permalink se date aur .html kaise hataye | sir meri website abhi kafi nayi hai aap mujhe yeh jankari dijiye

    1. Jarur kyo nahi, Lekin iski ek procedure hoti hai. Kuch galat procedure aap follow na kare uske liye ham kal/parso iske bare me ek details me article publish karenge.